पारद शिवलिंग कैसा होता है OPTIONS

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 इसकी पूजा से कुंडली में मौजूद सभी तरह के गृह दोष समाप्त हो जाते हैं।

उसके बाद जातक को पूर्व-उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए।

पारद और स्फटिक में से कौन-सा शिवलिंग बेहतर होता है?

स्कंदमाता – ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नमः।।

जयपुर में बारिश से बिगड़े हालात, सड़कें धंसी-गाड़ियां डूबीं

ज्या घरात पारद शिवलिंगाची पूजा केली जाते त्या घरात पारिवारिक तंटे , बाधा , मानसिक टेंशन , इतर कोणतेही त्रास जास्त प्रमाणात त्रासदायक नसतील.

शिव लिंग को भगवान शिव का निराकार स्वरुप मना जाता है. शिव पूजा में इसकी सर्वाधिक मान्यता है. शिवलिंग में शिव और शक्ति दोनों ही समाहित होते हैं. शिवलिंग की उपासना करने से दोनों की ही उपासना सम्पूर्ण हो जाती है. विभिन्न प्रकार के शिव लिंगों की पूजा करने का प्रावधान है.

पारदशिवलिंग इतना शक्तिशाली शिवलिंग है की अगर पूजा करने वाले उपासक पर कोई संकट आता है तो यह शिवलिंग स्वयं अपने ऊपर ले लेता है और टुट जाता

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ईश्वरीय कृपा: पारद शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता दिलाने में सहायक होती है।

पारद शिवलिंग काफी लाभकारी होती है इसीलिए जो भी व्यक्ति शिवलिंग की पूजा करता है नकारात्मक शक्तियां उससे दूर रहती हैं।

आपको बता दें कि इस शिवलिंग की पूजा करने से ना केवल माता पार्वती और शिव जी का आशीर्वाद नहीं मिलता बल्कि ग्रह दोष और पाप का भी अंत होता हैं।

परादल बनविलेले हे शिवलिंग तेजोलिंग असे म्हणतात आणि बारा ज्योतिर्लिंगाचे समान धार्मिक महत्व आहे.

शिवलिंगावर घरात सतत पाण्याची धार लावणे हे शक्य नसते म्हणून त्यावर चंदन पावडर गंगाजल मध्ये मिक्स करून लेप करून ठेवावा.

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